मनीष कोठारी. उदयपुर G20 शेरपा बैठक में विभिन्न विषयों पर पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया। इसमें डिजिटल अवसंरचना, महिलाओं के नेतृत्व में विकास, ऊर्जा तथा आर्थिक विकास एवं वृद्धि पर चर्चा हुई। इस बात पर चर्चा हुई कि पिछले 8 सालों में भारत में जनधन के माध्यम से आम जनता के बैंक खाते खुलवाए गए जिससे वित्तीय समावेशन बढ़ा। इसके अलावा आधार कार्ड के माध्यम से लोगों को एक विशिष्ट पहचान दी गई तथा मोबाइल फोन के माध्यम से देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला। इस बात पर जोर दिया गया कि ऊर्जा का ट्रांजिशन न्याय पूर्ण होना चाहिए। जलवायु परिवर्तन यूक्रेन संकट और खाद्य संकट में विश्व के सामने बड़ी चुनौतियां पेश की है लेकिन इन्हीं के साथ भारत के अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन इन समस्याओं एवं चुनौतियों के समाधान का स्वर्णिम अवसर लेकर आया है। इसके अलावा पैनल चर्चा में इस बात पर जोर दिया गया कि महिलाओं की भागीदारी से अर्थव्यवस्था के विकास को अधिक बढ़ावा मिलता है। डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से भारत में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। orfonline की वाइस प्रेसिडेंट डॉ. शमिका रवि ने कहा की भविष्य में कोरोनावायरस जैसी महामारी का फिर से सामना ना करना पड़े , इसके लिए आवश्यक है कि पूर्व चेतावनी तंत्र विकसित किया जाए ताकि ऐसी महामारियो को समय पर रोका जा सके। इसके लिए विभिन्न देशों के बीच रियल टाइम डाटा का आदान-प्रदान किया जाना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति के मूल्यांकन के लिए निर्धारित मापदंडों में पारदर्शिता होनी चाहिए। इन मापदंडों को किन आधार पर निर्धारित किया गया है, इन्हें कौन निर्धारित कर रहा है जैसी बातों में पूर्ण पारदर्शिता होनी चाहिए। पैनल डिस्कशन में पूर्व यूएन असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल एंबेसडर लक्ष्मीपुरी, क्रे ऑन ग्रीन एंड जस्ट ट्रांजिशन के जेसीओ डॉ. अरुणाभा घोष आदि ने विचार व्यक्त किए।